naat sharif list
This page presents a group of audio mp3 naats, Kalam, nasheed, Islamic voices without tunes, Ramadan, and rabi ul awal naats on the net with a download solution. You can save or download Eid-E-Milad Un Nabi Hai MP3 audio by clicking the mouse right button and deciding upon "preserve as audio" to download.
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Within this write-up I am going to give you numerous naat sharif lyrics which you can study in 3 languages Hindi, English and Urdu.
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For an exceptional listening expertise, especially if you plan to Enjoy Naats on substantial-excellent speakers or throughout gatherings, it’s sensible to download at the very best accessible high-quality, for instance 320 kbps.
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कव्वाली से तो हर कोई वाकिफ है, जहां तक नात की बात है तो यह एक विशेष तरह की धार्मिक कविता शैली में बेहद खूबसूरत गीत होता है. वस्तुतः नात पैगंबर मुहम्मद की जिंदगी, उनके गुण, उनके उपदेश व उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने का विशेष अंदाज होता है. नात की परंपरा को निम्न बिंदुओं से समझा व देखा जा सकता है.
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You can find various ways in which naat is written. But their attribute is reliable during which They're written as compared with other eulogies and qasida. Naat is a robust lyrical poem through which the writer talks and prays specifically for the Prophet (PBUH).
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By subsequent these guidelines, you may get pleasure from a seamless practical experience of downloading and listening to your favorite Naats in MP3 structure. Irrespective of whether you’re at your home, driving, or calming, using a playlist of soulful Naats can offer a way of peace and spiritual link.
फुकुशिमा प्लांट से रोबोट ने निकाला रेडियोएक्टिव मलबा
मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से डालो नज़र-ए-करम, सरकार ! अपने मँगतों पर इक बार हम ने आस है लगाई बड़ी देर से मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को तेरे घर से दुनिया पली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरा रुत्बा आ'ला न क्यूँ हो, कि मौला !
ऐ ज़हरा के बाबा ! सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए कहीं मर न जाए तुम्हारा गदा मदीना बुला लीजिए सताती है मुझ को, रुलाती है मुझ को ये दुनिया बहुत आज़माती है मुझ को हूँ दुनिया की बातों से टूटा हुआ मदीना बुला लीजिए बड़ी बेकसी है, बड़ी बे-क़रारी न कट जाए, आक़ा ! यूँही 'उम्र सारी कहाँ ज़िंदगानी का कुछ है पता मदीना बुला लीजिए ये एहसास है मुझ को, मैं हूँ कमीना हुज़ूर ! आप चाहें तो आऊँ मदीना गुनाहों के दलदल में मैं हूँ फँसा मदीना बुला लीजिए मैं देखूँ वो रौज़ा, मैं देखूँ वो जाली बुला लीजे मुझ को भी, सरकार-ए-'आली !
मुस्त़फ़ा, जान-ए-रह़मत पे लाखों सलाम शम्-ए-बज़्म-ए-हिदायत पे लाखों सलाम मेहर-ए-चर्ख़-ए-नुबुव्वत पे रोशन दुरूद गुल-ए-बाग़-ए-रिसालत पे लाखों सलाम शहर-ए-यार-ए-इरम, ताजदार-ए-ह़रम नौ-बहार-ए-शफ़ाअ़त पे लाखों सलाम शब-ए-असरा के दूल्हा पे दाइम दुरूद नौशा-ए-बज़्म-ए-जन्नत पे लाखों सलाम हम ग़रीबों के आक़ा पे बे-ह़द दुरूद हम फ़क़ीरों की सर्वत पे लाखों सलाम दूर-ओ-नज़दीक के सुनने वाले वो कान कान-ए-ला’ल-ए-करामत पे लाखों सलाम जिस के माथे शफ़ाअ'त का सेहरा रहा उस जबीन-ए-सआ'दत पे लाखों सलाम जिन के सज्दे को मेह़राब-ए-का’बा झुकी उन भवों की लत़ाफ़त पे लाखों सलाम जिस त़रफ़ उठ गई, दम में दम आ गया उस निगाह-ए-इ़नायत पे लाखों सलाम नीची आंखों की शर्म-ओ-ह़या पर दुरूद ऊँची बीनी की रिफ़्अ'त पे लाखों सलाम पतली पतली गुल-ए-क़ुद्स की पत्तियाँ उन लबों की नज़ाकत पे लाखों सलाम वो दहन जिस की हर बात वह़ी-ए-ख़ुदा चश्मा-ए इ़ल्म-ओ-हिकमत पे लाखों सलाम वो ज़बाँ जिस को सब कुन की कुंजी कहें उस की नाफ़िज़ ह़ुकूमत पे लाखों सलाम जिस की तस्कीं से रोते हुए हँस पड़ें उस तबस्सुम की अ़ादत पे लाखों सलाम हाथ जिस सम्त उठ्
If the thing is any spelling blunder or almost every other mistake in Naat Sharif Lyrics, Then you really will have to notify us by commenting.
नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !
फिर भी तुझ से है ये दु'आ, वक़्त-ए-नज़ा' जब आए मेरा
मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं ग़ौस-उल-आ'ज़म हो, ग़ौस-उल-वरा हो नूर हो नूर-ए-सल्ले-'अला हो क्या बयाँ आप का मर्तबा हो ! दस्त-गीर और मुश्किल-कुशा हो आज दीदार अपना करा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं सुन रहे हैं वो फ़रियाद मेरी ख़ाक होगी
नात शरीफ लिरिक्स हिंदी, नात शरीफ लिरिक्स हिंदी में, नात शरीफ लिरिक्स हिंदी में,
●जिन्हें है मुहम्मद की मिदहत की आदत नाते पाक हिंदी में लिखी
कहते सभी हैं जिन्न-ओ-बशर, कहता शजर है कहता हजर
जीने पर हुआ उनका साया, आका का मिलाद आया।
अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !
या रसूल अल्लाह या हबीब अल्लाह, सल्ला अलैका या रसूल अल्लाह।
तड़पता है मेरा दिल और तरसती हैं बहुत आँखें
Comments on “The Fact About naat sharif dua That No One Is Suggesting”